यूटी यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (Urinary Tract Infection) एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो कि ज्यादातर महिलाओं को प्रभावित करती है। यह समस्या यूरिन के निर्माण और निस्संदेह निकालने वाले प्रणाली में संक्रमण की वजह से होती है।
यूटीआई क्या होता है? (What is Urinary Tract Infection?)
यू.टी.आई तब होता है जब मूत्राशय और इसकी नली बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाती है। ई-कोलाई बैक्टिरीया का संक्रमण इसका मूल कारण होता है। इस समस्या के कुछ कारण है जैसे, सेक्स, लम्बे समय तक पेशाब रोके रखना, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति और शुगर। मूत्र पथ के संक्रमण, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम है। आधी महिलाओं को उनके जीवन में कम से कम एक बार संक्रमण होता है।
मूत्र मार्ग संक्रमण मूत्र तंत्र के किसी भी हिस्से में होने वाला संक्रमण है।
मूत्राशय का संक्रमण (Cystitis or Bladder infection)– यह मूत्राशय के भीतर होने वाला बैक्टीरिया संक्रमण है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यीस्ट भी मूत्राशय के संक्रमण का कारण है।
मूत्रमार्ग संक्रमण (Urethritis or Urethra infection)– इसमें मूत्रमार्ग में सूजन होने की वजह से मूत्र त्यागने में दर्द की अनुभूति होती है।
गुर्दा संक्रमण (Pyelonephritis or Kidney infection)– यह किडनी में होने वाला संक्रमण जिससे किडनी में गंभीर रूप से इन्फेक्शन हो जाता है। इस स्थिति में अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसमें बुखार, पेशाब में खून और श्रोणि में दर्द होता है। गर्भवती महिलाओं को यह संक्रमण होने की सम्भावना अधिक होती है।
यूरिन इंफेक्शन(UTI) के कारण(Causes of UTI)
वैसे तो यूटीआई का संक्रमण ई-कोलाई बैक्टीरिया के कारण होता है, लेकिन इसके अलावा और भी लक्षण होते हैं जो इस बीमारी के होने की वजह होते हैं-
- विशेषकर यदि संभोग अधिक बार, तीव्र और कई या बहुत लोगों के साथ किया जाये तो यू.टी.आई हो सकता है।
- शुगर के रोगियों को यू.टी.आई होने का खतरा अधिक होता है।
- अस्वच्छ रहने की आदत।
- मूत्राशय को पूरी तरह से खाली न करना।
- मूत्र करने में बाधा उत्पन्न होने पर।
- पथरी होने के कारण।
- गर्भनिरोधक का अत्यधिक उपयोग करने से।
- रजोनिवृत्ति काल में।
- कमजोर प्रतिरोधक प्रणाली होने से।
- एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक उपयोग करने से।
यूरिन इंफेक्शन(UTI) के मुख्य लक्षण (Symptoms of UTI)
- पेशाब करने में बहुत जलन
- पेशाब करने में दर्द होना
- बार-बार पेशाब जाने की तीव्र इच्छा होना लेकिन जाने पर बहुत कम मात्रा में पेशाब आना
- पेशाब का रंग बदल जाना, कोला या चाय की तरह होना
- पेशाब में खून का आना
- पेशाबम में पस आना
- पेशाब में दुर्गंध (odor) आना
- महिलाओं के पेल्विस (pelvis) में दर्द होना
- पुरुषों के मलाश्य में दर्द होना
- पहले की अपेक्षा पेशाब में गाढ़ापन आ जाना
यूरिन इंफेक्शन(UTI) के मुख्य इलाज (Prevention Tips for UTI)
- पानी अधिक मात्रा में पिएँ, 6 से 8 गिलास रोजाना। इससे जल्दी-जल्दी पेशाब आने से बैक्टीरिया पेशाब के माध्यम से बाहर निकल जाता है।
- विटामिन-सी ज्यादा मात्रा में लें इससे पेशाब की अम्लता (acidity) बढ़ती है जो बैक्टीरिया को खत्म करने में कामगार होती है।
- क्रैनबेरी (करोंदे) का जूस पिएँ, क्रैनबेरी जूस बैक्टीरिया को मूत्र पथ में बढ़ने से रोकता है जिससे संक्रमण कम होता चला जाता है। इसके अलावा क्रैनबेरी के अर्क युक्त गोलियाँ आपको आसानी से मिल सकती हैं।
- अपनी निजि सफाई का ध्यान रखें जैसे- रोज नहाना, ढीले अंदरूनी कपड़े पहनना और उन्हें रोज बदलना, बाथरूम जाने पर मूत्रमार्ग की अच्छे से सफाई करना।
- संभोग के बाद पेशाब जरूर जाएँ
- पेशाब को रोक कर न रखे हर 2-3 घंटे में मूत्राशय को खाली करते रहें।
- साफ बाथरूम का ही इस्तेमाल करें
- मल त्याग के बाद आगे से पीछे तक अपने आप को साफ करें
- असुरक्षित यौन संबंधों से बचें
निष्कर्ष (Conclusion)
एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को ढूंढना महत्वपूर्ण है जिसके साथ आप सहज महसूस करते हैं और जिसके पास यूरिन ट्रैक्ट इंफेक्शन(UTI) और अन्य मूत्र संबंधी स्थितियों का इलाज करने का अनुभव है। यदि आप एक की तलाश कर रहे हैं, तो आपकी खोज अभी खत्म हो गई है! डॉ. साकेत नारनोली यूरोलॉजी की समस्याओं वाले रोगियों को सर्वोत्तम यूरोलॉजी सेवाएं प्रदान करते हैं। डॉ साकेत नारनोली का आदर्श वाक्य है रोगी की संतुष्टि जरूरी है।